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UPI and PAYNOW भारत में विकसित UPI की तकनीक ने देश में रोजमर्रा के भुगतान में क्रांति ला दी है। भीम यूपीआई के जरिए होने वाले लेन-देन में 2020-21 से 2022 में 106% की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। मैं खुद भी इसका बहुत प्रयोग करती हूँ।मुझे सबसे अधिक इस बात पे गर्व है की ये भारत के द्वारा विकसित है।किसी के भी मोबाइल नंबर ,स्कैनर या बैंक अकाउंट के माधयम से किसी को भी भुगतान करना अब काफी सहज हो गया है। कोरोना काल से ही बड़े और छोटे हर व्यापारी डिजिटल लेन -देन का महत्त्व समझते है।
भारत और सिंगापुर के बीच व्यापारिक रिश्ते को और अधिक मजबूत करने के लिए यूपीआई (upi )और पे नाउ (pay now ) को आपस में लिंक किया गया है और एक समझौते पर हस्ताक्षर हुई है ताकि दोनों देशों में रहने वाले नागरिक आपस में आसान तरीके से लेन देन कर सकें।
यूपीआई का फुल फॉर्म /यूपीआई को हिंदी में क्या बोलते हैं?
UPI का फुल फॉर्म यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (unified payment interface )है। UPI की सबसे खास बात ये है की इससे लगभग हर payment app के जरिये पेमेंट कर सकते हैं ,जैसे google pay , paytm , phonepe ,whatsapp इत्यादि।मोबाइल फ़ोन के जरिये डिजिटल लेन देन (digital transaction ) का व्यापर अब बाहर भी हो रहा है। अब भारत के नागरिक UPI और सिंगापूर के नागरिक paynow के द्वारा के द्वारा आपस में डिजिटल भुगतान कर सकते हैं।
इस समझौते का महत्त्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि जहाँ भारत दुनिया की अहम् अर्थव्यवस्थाओं में से एक है ,वही सिंगापूर एशिया की एक बड़ी वित्तीय शक्ति है। सिंगापुर में बड़ी तादाद में भारतीय रहते हैंऔर दोनों देशों में बड़ी मात्रा में वित्तीय व्यवसाय होती है। वर्तमान में दोनों देशो में हर साल 1 अरब डॉलर से अधिक का खुदरा और आय का लेन-देन होता है।
भारत की UPI प्रणाली को भारी अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि हासिल हुई है। भारत की प्राणी UPI और सिंगापुर की पेमेंट प्रणाली paynow , दोनों को एक दूसरे से (link )एकीकरण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।
UPI and paynow क्या है ?What is UPI PayNow?
- सबसे पहले हम ये समझते हैं की UPI क्या है ?
- a- मोबाइल आधारित तीव्र भुगतान प्रणाली।
- b-(UPA )24×7 भुगतान सुविधा
- c-बैंक सूचनाओं को साझा करने का खतरा कम।
- d-पर्सन टु पर्सन (P2P)और पर्सन टु मर्चेंट(P2M)
- e -भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम
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Pay now क्या है ?
- a -तीव्र भुगतान प्रणाली।
- b-पर्सन टु पर्सन (P2P)और पर्सन टु मर्चेंट(P2M)
- c-मोबाइल नंबर ,राष्ट्रीय पहचान पत्र ,विदेशी पहचान संख्या।
UPI and paynow के बीच लिंक।
दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए , इस समझौते में यूपीआई (UPI)और (PAYNOW)के बीच लिंक बनाया जाएगा ताकि सीमा पार भुगतान प्रणाली( cross border transaction )में पारदर्शिता बहुत कम होती है,इसके अलावा ये बहुत महंगा भी होता है। कोई व्यक्ति अगर अपने देश को छोड़ कर दूसरे देश में में काम करने गया है और वहां से वो अपने परिवार के लिए पैसे भेजना चाहे तो ये प्रक्रिया बहुत जटिल है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ही UPIऔर PAYNOW के बीच लिंक बनाने की जरुरत पड़ी।
UPI and PAYNOW के बारे में अगर आप इंग्लिश में पढ़ना चाहते हैं तो तो यहां पर जाएं–UPI and PAYNOW
UPI and PAYNOW के आपस में link का महत्त्व क्या है।
दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए , इस समझौते में यूपीआई (UPI)और (PAYNOW)के बीच लिंक बनाया जाएगा ताकि सीमा पार भुगतान प्रणाली( cross border transaction )में पारदर्शिता बहुत कम होती है,इसके अलावा ये बहुत महंगा भी होता है। कोई व्यक्ति अगर अपने देश को छोड़ कर दूसरे देश में में काम करने गया है और वहां से वो अपने परिवार के लिए पैसे भेजना चाहे तो ये प्रक्रिया बहुत जटिल है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ही UPIऔर PAYNOW के बीच लिंक बनाने की जरुरत पड़ी।भारत के पास G20 की अध्यक्षता है। G20 का उद्देस्य है तीव्र और पारदर्शी भुगतान को बढ़ावा देना। इस प्रणाली से भारत G20 के इन शर्तों को पूरा कर सकेगा
UPI वैश्विक बनने की राह पर
भारत सरकार द्वारा UPI यूपीआई प्रणाली को यानी यूजर पेमेंट इंटरफ़ेस प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक अर्थात ग्लोबल बनाने की कोशिश की जा रही है।
भारत में यूपीआई प्रणाली को 11 अप्रैल साल 2016 में लागू किया गया था और अगर भारत में जनवरी 2021 के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि जनवरी 2021 तक भारत में 39 बिलियन transactions लेन देन किये गए थे उनका कुल मूल्य $940 बिलियन के आस पास था। भारत की कुल जीडीपी का 31% है।इन्ही आंकड़ों से हम भारत में यूपीआई प्रणाली के महत्व को समझ सकते हैं।
यूपीआई को कितने देशों ने अपनाया है?भारतीय यूपीआई का उपयोग कितने देश करते हैं।
इसके महत्त्व को ध्यान में रखते हुए NPCI नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जिसके तहत UPI प्रणाली काम करती है।इस पूरी कंपनी ने एनपीसीआई इंटरनेशनल लिमिटेड इस नाम से एक कंपनी का गठन किया था यानि एक सब्सिडियरी कंपनी बनाई थी।जिसका प्राथमिक कार्य UPI प्रणाली की सुविधा को अन्य देशों तक पहुंचाना था ,और इसी पूरे कॉरपोरेशन की मदद से अब तक भारत ने तकरीबन 13 देशों के साथ इस प्रणाली को लागू करने का समझौता कर लिया है। वर्तमान समय में अगर आप चाहें तो इन 13 देशों में डिजिटल भुगतान के लिए UPI प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।
यहाँ पर हमें भी ध्यान रखना चाहिए कि इस प्रणाली को लेकर घरेलू स्तर पर भी कई सारी चुनौतियां मौजूद है।
जिसमें सबसे बड़ी चुनौती डिजिटल निरक्षरता digital illiteracy को लेकर है। भारत में कई लोग हैं जिन्हें अभी तक मोबाइल फोन चलाना नहीं आता। जिनके पास अभी तक इंटरनेट तक नहीं पहुंचा है , उन लोगों तक UPI प्रणाली को पहुँचाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
प्रश्न
People also ask
यूपीआई को कितने देशों ने अपनाया है?
हाल ही में कौन सा देश भारत का यूपीआई सिस्टम अपनाने वाला विश्व का पहला देश बन गया है?
UPI अपनाने वाला देश कौन सा है?
भारतीय यूपीआई का उपयोग कितने देश करते हैं
Who will benefit from the UPI PayNow link?
Is UPI accepted in Singapore?
How to check transaction details using UPI reference number?
UPI Paynow लिंक से किसे फायदा होगा?
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