FAQ
Most frequent questions and answers
यह Prevention of Cruelty to Animals Act के तहत अपराध है।
इसके लिए जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
जानवरों के साथ हिंसा की अनुमति नहीं है।
केवल अधिकृत पशु चिकित्सक ही गंभीर मामलों में निर्णय ले सकते हैं।
मानवीय तरीके से ही नियंत्रण संभव है।
दिल्ली में MCD के डॉग कंट्रोल यूनिट यह काम करती है।
उनके पास पकड़ने के लिए खास टीमें और वाहन होते हैं।
कुत्तों को मानवीय तरीके से पकड़ा जाता है।
फिर उन्हें नसबंदी केंद्र ले जाया जाता है।
आगे अब उन्हें शेल्टर में रखना होगा।
दिल्ली में करीब 8 लाख स्ट्रे डॉग्स हैं, जिन्हें पकड़ने का काम शुरू होगा।
नसबंदी के बाद उन्हें शेल्टर में रखा जाएगा।
सड़क पर डॉग फीडिंग कम करने की अपील की जा रही है।
डॉग बाइट मामलों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
अभी शेल्टर्स की कमी सबसे बड़ी चुनौती है।
पूरी तरह हटाना कानूनी और नैतिक दोनों कारणों से कठिन है।
नसबंदी और शेल्टर ही स्थायी समाधान हैं।
सड़क से हटाने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था चाहिए।
एनजीओ और सरकार को मिलकर काम करना होगा।
जनता को भी डॉग फीडिंग के नियमों का पालन करना होगा।
ऐसे कुत्ते को स्ट्रे डॉग कहते हैं।
वे अक्सर बिना मालिक के होते हैं।
खाना खोजने के लिए घूमते रहते हैं।
कभी-कभी आक्रामक भी हो सकते हैं।
इनकी संख्या नियंत्रण में रखना जरूरी है।
अकेले सुनसान जगह पर न चलें।
खाना या बैग लटकाकर न जाएं।
कुत्तों की आंखों में सीधा न देखें।
हल्का-फुल्का शोर करके ध्यान भटकाएँ।
जरूरत पड़ने पर स्थानीय टीम को कॉल करें।