Rishi Sunak takes job at Goldman Sachs

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Rishi Sunak फिर लौटे Wall street पर, Goldman Sachs में बने Senior Adviser

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक बार फिर से वॉल स्ट्रीट की दुनिया में लौट आए हैं। उन्होंने मशहूर अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स में सीनियर एडवाइजर (वरिष्ठ सलाहकार) के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है। खास बात यह है कि यहीं से कभी उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भी की थी।

Rishi Sunak की वॉल स्ट्रीट पर वापसी

पहले भी कर चुके हैं गोल्डमैन सैक्स में काम

ऋषि सुनक का करियर गोल्डमैन सैक्स से ही शुरू हुआ था।साल 2001 से 2004 तक उन्होंने वहां एनालिस्ट के तौर पर काम किया था।उस समय वे फाइनेंस सेक्टर में एक जूनियर कर्मचारी थे।यह उनका पहला बड़ा कॉर्पोरेट अनुभव था।गोल्डमैन सैक्स में उन्होंने ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम को करीब से समझा।इसके बाद उन्होंने राजनीति की ओर कदम बढ़ाया। अब सालों बाद वे फिर उसी कंपनी में वरिष्ठ सलाहकार बनकर लौटे हैं।लेकिन इस बार उनकी भूमिका काफी बड़ी है।

क्यों दी गई यह जिम्मेदारी?

Goldman Sachs के सीईओ डेविड सोलोमन ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि ऋषि सुनक अब दुनिया भर के ग्राहकों को बड़े आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर सलाह देंगे।
उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल का अनुभव साझा करें, ताकि बैंक को ग्लोबल लेवल पर बेहतर सलाह मिल सके।

सिर्फ सलाह देंगे, फाइनेंसिंग का काम नहीं

क्या होगा Rishi Sunak  का असली काम?

Rishi Sunak अब बैंक के ग्राहकों को बड़े मुद्दों पर सलाह देंगे, जैसे –
• दुनिया की आर्थिक स्थिति (Global Economy)
• राजनीतिक घटनाएं (Geopolitical Events)
• सरकारों के फैसलों का असर (Government Policies Impact)

उनका काम सिर्फ सलाह देना होगा। वे फाइनेंसिंग के जटिल मामलों में सीधे शामिल नहीं होंगे।
गोल्डमैन सैक्स को सुनक से उम्मीद है कि वे अपने प्रधानमंत्री रहते समय के अनुभव का फायदा देंगे।

ऋषि सुनक का राजनीतिक सफर

प्रधानमंत्री बनने का सफर

Rishi Sunak अक्टूबर 2022 से जुलाई 2024 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे।
इससे पहले वे साल 2020 से 2022 तक ब्रिटेन के वित्त मंत्री (चांसलर ऑफ एक्सचेकर) रहे।

COVID-19 में निभाई बड़ी भूमिका

उनके वित्त मंत्री रहते ब्रिटेन ने कोविड महामारी का सामना किया।
सुनक ने इस दौरान कई योजनाएं शुरू कीं, जैसे:
• फर्लो स्कीम (Furlough Scheme): इससे लोगों की नौकरी बची रही।
• ईट आउट टू हेल्प आउट (Eat Out To Help Out): इस योजना में लोगों को रेस्टोरेंट में खाने पर सब्सिडी दी गई। हालांकि, बाद में इस योजना की आलोचना हुई क्योंकि इसके कारण सोशल मिक्सिंग बढ़ी और कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई।

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प्रधानमंत्री पद तक कैसे पहुंचे?

सुनक को पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वित्त मंत्री बनाया था।
बाद में सुनक ने बोरिस जॉनसन को हटाकर खुद प्रधानमंत्री पद संभाल लिया।

ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनने का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। सबसे पहले उन्हें ब्रिटेन के वित्त मंत्री के रूप में बड़ी पहचान मिली, जब उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान कई अहम योजनाएं लागू कीं। उनकी फर्लो स्कीम और ईट आउट टू हेल्प आउट योजना ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई, हालांकि इन योजनाओं की आलोचना भी हुई। बाद में उनके और तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच मतभेद बढ़ने लगे। सुनक ने बोरिस जॉनसन के खिलाफ मोर्चा खोला और उनके इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हुए। पहले वे लिज़ ट्रस से चुनाव हार गए, लेकिन लिज़ ट्रस की नीतिगत विफलताओं के कारण उन्हें जल्द ही इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद पार्टी ने आपसी सहमति से सुनक को प्रधानमंत्री बनाया। इस तरह वे अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने।

चुनाव में मिली करारी हार

ऋषि सुनक ने जुलाई 2024 में जल्दबाजी में आम चुनाव करवा दिए, जो बहुत बड़ी गलती साबित हुई।
इस चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा और लेबर पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की।

ऋषि सुनक का पुराना करियर कैसा था?

Goldman sachs से शुरुआत

सुनक ने अपने करियर की शुरुआत गोल्डमैन सैक्स से की थी, लेकिन उस समय वे एक जूनियर कर्मचारी थे।
उनका प्रदर्शन उस समय कोई खास नहीं रहा।

हेज फंड्स में भी किया काम

बाद में वे दो अलग-अलग हेज फंड्स में पार्टनर रहे, लेकिन वहां भी वे ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो पाए।

अपने ससुर की कंपनी में भी रहे डायरेक्टर

2013 से 2015 के बीच वे अपने ससुर नारायण मूर्ति (Infosys) के इन्वेस्टमेंट फर्म में डायरेक्टर बने।
यहां से भी उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली।

राजनीति में एंट्री और आगे का सफर

सेफ सीट से बने सांसद

इसके बाद ऋषि सुनक ने राजनीति में कदम रखा।
उन्होंने ब्रिटेन की सबसे सुरक्षित कंजरवेटिव  सीट रिचमंड नॉर्थ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
तब से वे संसद में इसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

राजनीतिक करियर ने खोला नया रास्ता

आज जो उन्हें फिर से वॉल स्ट्रीट पर जगह मिली है, उसका मुख्य कारण उनका राजनीतिक अनुभव ही है, न कि उनका पुराना फाइनेंस करियर।

Goldman sachs में  नई भूमिका कितनी अहम?

अनुभव के दम पर बड़ा रोल

गोल्डमैन सैक्स ने साफ कहा है कि वे सुनक की राजनीतिक समझ और ग्लोबल दृष्टिकोण का लाभ उठाना चाहते हैं।
इसलिए उनकी भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।

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वॉल स्ट्रीट की बड़ी वापसी

यह माना जा रहा है कि सुनक की वॉल स्ट्रीट पर यह वापसी, उनकी एक नई पारी की शुरुआत है।
अब देखना होगा कि वे इस नई जिम्मेदारी में कितनी सफलता हासिल करते हैं।

ऋषि सुनक का वित्तीय करियर बहुत चमकदार नहीं रहा था । लेकिन अब उनके पास एक बड़ा ग्लोबल मंच है, जहां उनका राजनीतिक अनुभव उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
कुछ लोगों का मानना है कि गोल्डमैन सैक्स ने सुनक को सिर्फ इसलिए रखा है क्योंकि वे प्रधानमंत्री रह चुके हैं, न कि उनकी फाइनेंशियल स्किल्स के कारण।वहीं कुछ लोग इसे एक शानदार रणनीतिक कदम मानते हैं।यह तो समय ही बताएगा कि ऋषि सुनक इस नई भूमिका में कितना बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

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