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RAM NAVAMI FESTIVAL
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Toggleदेशभर में रामनवमी (ram navamvi)के उत्सव मनाई जाती है।रामजी की भगवान् विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। भगवान् राम ने एक आदर्श चरित्र प्रस्तुत केर के समाज को एक सूत्र में बंधा था। उनसे जुडी बहुत सी रोचक तथ्य है ,जिनका उल्लेख आज की इस आर्टिकल में करेंगे।
why ram navami is celebrated/हम राम नवमी क्यों मनाते हैं?
क्या आप जानते हैं रामनवमी (RAMNAVMI) क्यों मनाई जाती है ? इसके लिए मेरी इस आर्टिकल को पढ़ें। भगवान् राम की चरित्र को हमारे देश में बहुत आदर्श मन जाता है। हर लोग ये चाहते हैं की पुरुष का चरित्र भगवान् राम की तरह ही होना चाहिए।
यह हिन्दुओं का त्यौहार है और पुरे भारत वर्ष में ये बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस शुभ दिन में राम जी ने एक मानव का जन्म लिया था। भगवान राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी पत्नी कौशल्या से हुआ था। वे उनके सबसे बड़े पुत्र थे।
When does Ram Navami come/राम नवमी कब आती है
रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। जो अप्रैल-मई में आता है,लेकिन हर हिन्दू त्योहारों की तरह इसकी तिथि भी आगे और पीछे होती रहती है। इसबार 2023 में रामनवमी का पर्व 30 मार्च को ही संपन्न हो गया था। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था।
रामनवमी का हिंदी इतिहास /Hindi History of Ram Navami
अयोध्या के राजा दशरथ की 3 रानियां थीं , लेकिन उनकी कोई संतान न थी। ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति के लिए कामेष्ठि यज्ञ करने की आज्ञा दी। राजन ने ऐसा ही किया। फलस्वरूप उनकी तीनो रानियों को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान् राम को जन्म दिया। राजा दशरथ के और भी 3 पुत्र हुए भरत,लक्ष्मण और शत्रुघ्न।
विस्तृत रूप से जानने के लिए इसे भी पढ़ें –भगवान् राम की कहानी
राम नवमी की पूजा कैसे की जाती है?/ram navami puja vidhi mantra
सबसे पहले इस दिन भगवा पताका ,ध्वज ,तोरण और बंदनवार से घर सजाना चाहिए। फिर भगवान राम की मूर्ति अथवा रामदरबार की चित्र पर धूप ,दीप ,पुष्प माला और चन्दन अर्पण करते हुए पूजा करें और उनके मस्तक पर हल्दी कुमकुम चंदन और चावल लगाए फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं।
श्री राम नवमी पूजन के बाद हवन का विशेष महत्व अलग अलग होता है, पूजा के बाद श्री राम को गाय के दूध,दही शहद से बनी पंचांग के साथ उनके मनपसंद भोग और फल को प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते हैं।
FAQ
Most frequent questions and answers
ॐ दाशरथये विद्महे सितारवल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥ ॐ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो रमा प्रचोदयात॥ ॐ आपदामपहर्तारम् द्राराम् सर्वसम्पदाम् ।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, महानवमी के दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। यह त्योहार भारत और दुनिया भर में लाखों हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है।